शादी के लिए क्या है सही उमर (Can You Define the Right Age to Marry in Hindi): भारतीय परंपरा में शादी बहुत कम उमर में होती थी और यह अभी गांव में शायद प्रचलित है मगर शहर की बात अलग है| पहले तो पढ़ाई होती है और फिर नौकरी और फिर शादी होती है जब ऐसा लगे की लड़का अब अच्छा कमा लेता है| ऐसे में उमर 30 साल की भी हो जाती है और अगर मेडिकल स्टूडेंट हो तो और भी लंबा समय लग जाता है स्थिर और स्थाई होने में| तो सवाल यह है की आज के माहौल में शादी के लिए क्या है सही उमर है?
कम उमर में शादी के फायदे है| बच्चे जल्दी आ जाते है| पति और पत्नी दोनो के पास इतनी उर्जा रहती है की बच्चे पर पूरा ध्यान दे सके| आगे जाके कॉलेज भी कर ले तब भी पति और पत्नी की उमर कम होती है तो चिंता कम रहती है और आनंद ज़्यादा| दूसरी बात यह है की कम उमर में महिला गर्भ धारण आसानी से कर सकती है और इस मामले में परेशानी कम रहती है| 30 या 35 के बाद महिला शादी करे तो गर्भ धारण करने में और गर्भ संबंधी समस्या ज़्यादा होती है| शादी के बाद बच्चे की सोचे इस उमर में तो और भी नौकरी और अन्य समस्या होती है बच्चे की देखभाल की तो 20 से 24 की उमर एक दृष्टिकोण से सही उमर है शादी के लिए| कम उमर में शादी करे तो एक दूसरे के साथ अच्छी तरह घुल मिल जाते है|
एक सोच ऐसी है की 28 से 32 साल के बीच की उमर शादी के लिए सही है| 28 की उमर तक पुरुष नौकरी में स्थाई हो सकता है| शादी के खर्चे के पैसे भी जमा कर सकता है| दुनिया भी देख लेते है लड़का और लड़की और उनकी समझदारी और परिपक्वता बढ़ जाती है| कम उमर में शादी कर के कभी कभी पछताना पड़ता है तो ऐसी परिस्थिति थोड़ी देरी से शादी करने में नहीं होती है| मगर ऐसा भी हो सकता है की महिला और पुरुष अपने विचार और लाइफस्टाइल में इतने अडग हो जाते है की फिर एक दूसरे के अनुकूल होना थोड़ा कठिन होता है|
लड़की और लड़का, दोनो को अगर अच्छी नौकरी है और इसमे तरक्की करनी है तो पूरा समय नौकरी पर ध्यान देना होगा| ऐसा में शादी करे तो बदलाव लाना पड़ता है और किसी एक को शायद नौकरी भी त्याग कर देनी पड़े| इस बात को ध्यान मे रख के आगे नौकरी करते जाते है और फिर 35 साल के आस पास शादी की सोच आती है| यह भी ग़लत नहीं है क्योंकि एक बार स्थाई हो जाए तो कम से कम खर्चे का और लाइफस्टाइल की परेशानी नहीं रहेगी| बच्चे के लिए सोच समझ के कदम उठाए| मुश्किल नहीं है मगर समय का सयोजन करना ज़रूरी हो जाता है| अगर घर में माँ बाप है तो चिंता कम है बच्चे की देखभाल की| 35 के आसपास भी शादी करे बेफ़िक्र|
क्यों नहीं? ऐसे कई किससे है जहाँ लड़के को और लड़की को चाहिए ऐसा साथी ढूंढ़ने का समय ना मिला हो या तो मिला ही नहीं और 40 की उमर में मिल जाए| इस उमर में दोनो काफ़ी समझदार हो जाते है और उम्मीद या अपेक्षा संतुलित होती है| जीवन किसी के साथ बिताए, भले बच्चे हो या ना हो, सुखदायी बात है|
शादी के लिए तो कम उमर याने 20 से 25 के बीच का समय सब से उचित है अगर फैमिली बढ़ानी है, चाहे थोड़ी सी करियर में कुर्बानी देनी हो| मगर शादी तो कभी भी कर सकते है| ऐसा भी होता है की शादी शुदा जोड़ा है 50 के उपर की उमर का और एक साथी चल बसे, बच्चे भी चले जाए और अकेलापन महसूस हो तो इस उमर में शादी कोई ग़लत बात नहीं है|
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