मोटापा एक बीमारी और अभिशाप एक समस्या है ( Motape Ke Karan Upay Upchar ilaj in hindi ) : यह तो हम जानते है की अमेरिका और ऐसे विकसित देशो में मोटापा एक एपिडेमिक याने महामारी बन गया है आर्थिक विकास के साथ प्रजा के पेट का भी विकास जुड़ा हो ऐसा लगता है हमारे भारत में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है ऐसे लोगो की संख्या बढ़ने लगी है जिन्हे आर्थिक रूप से सुखी माना जा सकता है और ज्यादा प्रतिशत लोग शहरों में है |यह आश्चर्य की बात नहीं है की उन के लिए और उन के मोटे बच्चो के लिए सीधी साधी मारुती 800 भी छोटी लगने लगती है | मोटापा अपने रिश्तेदारों जैसे की मधुमेह उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारियों को भी साथ में लाता है| उन के दूर के रिश्तेदार जो ज्यादा खतरनाक नहीं है जैसे की जोड़ो का दर्द भी पीछे पीछे चले आता है| मोटापे पर टैक्स नहीं है| बस में आप के बाजू में मोटा कोई बैठा हो तो उस को वही किराया देना पड़ता है जो आप सिंगल बॉडी के देते है मगर वह ज्यादा जगह रोकता है| क्या यह अन्याय नहीं है? जो भी हो मोटापा एक जटिल सामाजिक समस्या है| इस के पीछे सिर्फ आर्थिक विकास ही है या और कोई कारण भी है?
जाने मोटापा महामारी के लगातार बढ़ने के मूल कारण
- लम्बे समय तक भारतीय लोगो में यह माना जाता था की जो मोटा है वोह बॉस है सेठ है और राईस है| पेट भर के खाये और पेट बढ़ाये तो मिलेगी पेट भर के इज़्ज़त| बच्चे मोटे होंगे तो लोग कहेंगे कितने हृष्ट पुष्ट है और माँ बाप की तारीफ़ करेंगे| कई लोगो का मानना है की यह सभी डॉक्टरों, दवाई की कंपनी और फ़ूड कम्पनीज का षड़यन्त्र है| एक बाजू फ़ूड कम्पनीज लोगो को प्रोत्साहित करेंगे ज्यादा खाके मोटे बनने को और दूसरी बाजू चिकित्सक का प्रोजैक्ट जोर शोर से चलेगा
- वह शायद मजाक था| मगर यह मजाक नहीं है की भारतीय लोग अमेरिकन और विदेशी के खाद्य पदार्थ और लाइफस्टाइल का आँख बंद कर के पालन करते है| अगर अमेरिकन कम्पनीज बर्गर पास्ता फ्रेंच फ्राइज और पिज़्ज़ा यहाँ पर बेचने पर तुले है तो भारतीय लोग भी नहीं इंतज़ार कर सकते इन्हे खाने के लिए | यह हाई कैलोरी फूड्स है जो ख़ास कर के युवा पीढ़ी की पहली पसंद है यहाँ तक की वह अब पारम्परिक आहार से दूर होते जा रहे है|
- चीज़ का चलन बढ़ गया है और डेयरी पदार्थ का भी| लोग यह नहीं जानते है की पशु पालन करने वाले लोग पशु को ऑक्सीटोसिन और अन्य होर्मोन्स का इंजेक्शन देते है दूध का स्त्राव बढ़ने के लिए| यह होर्मोन्स बच्चो और वयस्क के शरीर में दाखिल हो के बुरा असर करते है जैसे की बच्चो में यौवन समय से जल्दी आना और चर्बी का शरीर में बढ़ावा होना|
- खेलने का समय नहीं है| स्कूल से घर से लेके टुइशनस और होमवर्क में इतने जुटे रहते है की खेलने का समय नहीं है| है तो कोई खेलने वाला नहीं है क्योंकि कितने बच्चे टीवी या वीडियो गेम्स में जुटे है| वयस्क ऑफिस में काम करते है और देरी से घर पहुँच कर देरी से खाना खा के थोड़ा रिलैक्स हो के सो जाते है| इस का असर है मेटाबॉलिज्म का स्तर कम हो जाना और फैट का जमा होना|
- लाइफस्टाइल ही कुछ ऐसा है की श्रम करना किसी को पसंद नहीं है और जरूरत भी नहीं है| बच्चे कोखाने में भी एक समय पर पारम्परिक तरीके में रात का भोजन हल्का होता था मगर आज कल रात का भोजन भारी फैटी और मसालेदार होता है| इस के बाद अब पश्चिमी लोगो की तरह डेसेर्ट याने मीठा खाना फैशनेबल हो गया है| आईटी न ही नहीं| कई लोगो में अब यह भी स्टाइल हो गया है की रात को दोस्तों के साथ मिल के शराब की पार्टी रखी जाए| शराब पीने पर और ज्यादा खाया जाता है| अब लोग मोटे नहीं होंगे तो क्या होंगे?
- लेकिन उन्हें दोष नहीं दे सकते है जिनके घर में वंश परंपरागत तरीके से सभी मोटे है. यह उनकी खुश नसीबी समझो|
स्त्रियों मे मोटापा बढ़ने के ख़ास कारण
स्त्रियों में मोटापे की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। महानगरीय जीवन में मोटापा धीरे-धीरे एक महामारी बन रहा है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी कई बीमारियों का कारण मोटापा ही है।आज मोटापे से बच्चे से लेकर बूढ़े और महिलाएं कोई भी अछूता नहीं हैं। मोटापे का सबसे पहला कारण है असंतुलित भोजन और शारीरिक निष्क्रियता। बच्चों में मोटापा आधुनिक जीवनशैली की वजह से बढ़ रहा है। मोटापे पर यदि जल्द ही नियंत्रण नहीं किया गया तो आधी से ज्यादा आबादी इसकी चपेट में आ जाएगी। आइए जानें किन कारणों से महामारी बन रहा है मोटापा।
गाँवो में देखे तो पुरुष और स्त्री दोनो का शरीर सिंगल और मजबूत होता है क्योंकि 5 बजे उठ कर जटिल शारीरिक श्रम शुरू हो जाता है जब की भोजन वही सादा रहा है|. शहरो में उल्टा है, भोजन अधिक रिच है जैसे लोगो के पैसे की ताक़त और श्रम उस के प्रतिलोम अनुपात में है. और इन लोगो को इस बात का एहसास शायद नहीं है की उन को डाइयबिटीस अकाल ही होगा. मगर वो शायद इसे भी फॅशनबल बना देंगे की अगर किसी को ब्प, डाइयबिटीस और हार्ट ट्रबल नहीं है तो वो ग़रीब मज़दूर है और हाइ सोसाइटी का मेंबर कहलाने के लायक नहीं है.
वज़न बढ़ने के प्रमुख कारण
- फैशन और आधुनिक जीवनशैली के चलते लोग घर के खाने से ज्यादा जंकफूड खाना पसंद करते हैं जो कि मोटापे का सबसे पहला कारण हैं।
- बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी शारीरिक सक्रियता कम हो रही हैं यानी बच्चे आउटडोर गेम्स से दूर होते जा रहे हैं। ठीक ऐसा ही युवाओं के साथ भी लागू होता हैं वे कंप्यूटर, मोबाइल, आईपौड जैसे गैजेट्स के चक्कर में कोई खास शारीरिक परिश्रम नहीं करते जिससे उन्हें मोटापे की शिकायत होने लगी हैं।
- भोजन करने का सही समय ना होना, भोजन में वसा, मिठाई, तेल, घी, दूध, अंडे, शराब, मांस, धूम्रपान, अन्य तरह का नशे के कारण भी वज़न बढ़ता है।
- शरीर की कुछ ग्रंथियाँ भी मोटापे का कारण होती हैं। अवटुका ग्रंथि और पीयूष ग्रंथि के स्रावों की कमी की वजह से मोटापा पनपता है।
- वंश परंपरा भी मोटापे का कारण हो सकती है यदि माता या पिता में से कोई भी मोटा है तो बच्चे का मोटा होना स्वाभाविक है|
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