अस्थमा क्या है, कारण, लक्षण, प्रकार, बचाव और अस्थमा के लिए घरेलू नुस्खे

अस्थमा
Asthma ke karan prakar gharelunuskhe bachav in hindi: अस्थमा याने की दमा एक जटिल समस्या है क्योंकि इस का ऐसे कोई मिटाने का उपाय नहीं है सिर्फ राहत पाने के तरीके है. जो यह परेशानी से पीड़ित है वह दमा के बारे में जाने तो खुद ही सजग हो जायेंगे और इस के प्रकोप से खुद को बचा सकेंगे. जानिये अस्थमा क्या है, अस्थमा के प्रकार, अस्थमा के कारण, अस्थमा से बचाव के उपाय और अस्थमा के लिए घरेलू नुस्खे.

अस्थमा क्या है – What is asthma in hindi

अस्थमा याने दमा स्वसन तंत्र की बीमारी या परिस्थिति है. अस्थमा क्या है बातये तो इस हालात में स्वसन तंत्र में स्वसन नलिका में सूजन आ जाती है और बलगम का अतिशय उत्पन्न होता है और नलिका भर जाती है. परिणाम यह होता है की व्यक्ति स्वास नहीं ले पाता है खांसी हो सकती है दम घुटने लगता है और व्यक्ति फड़फड़ाने भी लगता है. यह जीवन में रूकावट लाता है और कई बार घातक भी हो सकता है.

अस्थमा के कारण – Asthma ke karan in hindi

अस्थमा के कारण अनेक हो सकते है: 
  • हवा में रहे प्रदूषण अस्थमा का कारण बनता है. कई लोग धुआँ, रसायन जले हुए प्लास्टिक का धुआँ, सिगरेट का धुआँ या तो पॉलन से एलर्जिक होते है. अगर हवा में रहा प्रदूषण स्वसन नली में चले जाए तो अस्थमा का प्रकोप हो जाता है ऐसे सवेदनशील व्यक्ति में.
  • अतिशय परिश्रम करने पर भी कभी कभी अस्थमा प्रगट हो जाता है.
  • दूधयुक्त आहार हो, ज्यादा मीठा हो, ज्यादा ठंडा आहार और ज्यादा तले हुए व्यंजन भी अस्थमा का कारण बनता है . 
  • तनाव भी अस्थमा का कारण बनता है.
  • कफ और वात असंतुलित हो जाये तो अस्थमा प्रगट होता है. 
  • पेट में खराबी है, पाचन सही नहीं है, अम्ल है तो भी आगे जाके अस्थमा होने की सम्भावना रहती है. 

(और पढ़ें - पेट की समस्या के उपाय )

  • अस्थमा का प्रकोप हो जाये तो खांसी होने लगती है सीने में दर्द होता है स्वास लेने में तकलीफ होती है , स्वासन क्रिया दरमियान आवाज़ आती है और दम घुटने लगता है. दमा भी अलग प्रकार के होते है और चिन्ह अलग होते है. 

अस्थमा के प्रकार - Asthma ke prakar

अस्थमा के प्रकार अलग अलग होते है जिस के बारे में आगे पढ़िए: 

  • आयुर्वेद में इस का वर्गीकरण है महास्वासा (Mahaswasa), उर्ध्वास्वासा (urdhawaswasa), चिन्ना स्वासा (chinna swasa), क्षुद्र स्वासा (kshudra swasa)और तमका स्वासा (tamaka swasa). तमका स्वासा या ब्रोन्कियल अस्थमा ज्यादा प्रचलित है. 
  • एलोपैथी में इस का वर्गीकरण अलग प्रकार से होता है.
  • व्यसक दमा जो व्यक्ति व्यसक होने पर महसूस करने लगता है और अस्थमा के लक्षण प्रगट होते है.
  • एलर्जिक अस्थमा वो हालात है जिस में हवा में रहे कई तत्त्व जैसे की पॉलन, धूल और रसायन के कारण अस्थमा का प्रकोप होता है.
  • अस्थमा और COPD (chronic obstructive pulmonary disease) एक गंभीर परिस्थिति है. COPD ऐसे भी खतरनाक हो सकती है क्योंकि इस में भी स्वसन क्रिया पर असर होता है और जब दोनों बीमारी हो तो खास सावधान रहना जरूरी होता है.
  • व्यायाम के कारण दमा, वह हालात है जब अतिशय श्रम करने पर अस्थमा के चिन्ह प्रगट होते है.
  • अन्य कारण से होने वाली अस्थमा वो है जो संक्रमण से लक्षण तेज करता है तनाव से, दवाई से, आहार में आये कोई पदार्थ से और मौसम के कारण से.

क्योंकि इस के लक्षण से काफी परेशानी होती है तो उत्तम मार्ग यह है की उपाय ढूंढने के बजाय अस्थमा से बचाव करे. 

अस्थमा से बचाव – Preventive steps in asthma in Hindi

अस्थमा से बचाव करना ज्यादा उचित होता है और आप यह कर सकते है: 

  • प्रदूषित वातावरण में न जाये और जरूरी है जाना तो चेहरे पर मास्क लगा ले.
  • अगर आप को एलर्जी होती है तो खास ध्यान रखे किन चीज़ो से होती है. हवा में धुआँ, फूलो के पराग, रसायन, खुशबू, घर की सफाई में उपयोग किये जाने वाले रसायन, डिटर्जेंट साबुन या ऐसे कोई भी तत्त्व हो जिस से दमा का प्रकोप होता है तो इन से बच के रहे.
  • कई ऐसे आहार है जो अस्थमा का कारण हो सकते है जैसे की उड़द, दूध से बनने वाले आहार, केले काजू (खास कर के छिलके) और सींगदाने में रहे रसायन के कारण. ऐसे आहार का उपयोग न करे.
  • बिलकुल ठंडी चीज़ें न खाये और ठन्डे पानी का उपयोग न करे.
  • तली हुई चीज़ो को त्याग कर दे.
  • नियमित प्राणायाम और योग का अभ्यास करे. 
  • रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाले आहार ले जैसे आमला, निम्बू, अलसी के बीज.
  • एयर कंडिशन्ड (वातानुकूलित) वातावरण में न रहे.
  • चीनी का उपयोग और मिठाई न खाये.  

आप को खुद को ध्यान रखना होता कि कौनसी ऐसा चीज़ है जो आप के लिए अस्थमा का कारण बन सकती है और ऐसे चीज़ो से बच के रहे और बचाव के लिए अस्थमा के लिए घरेलू नुस्खे का प्रयोग भी करते रहे. 

अस्थमा के लिए घरेलू नुस्खे – Asthma ke gharelu upchar

नमक: क्योंकि यह स्वसन नलिकाओ से सम्बंधित है तो इन नालियो में से सूजन का कम करना आवश्यक है. नमक के गरारे करे. ऐसे यन्त्र का उपयोग करे जो आप के कमरे के हवा में नमक फैलाये और यन्त्र न मिलने पर अन्य तरीके अपनाये जैसे की तौलिये को नमक वाले पानी में भिगो दे और अपने कमरे में टांग दे. 
अदरक, लहसुन, प्याज, हरी मिर्च, काली मिर्च: इन सभी में ऐसे तेज रसायन और तत्त्व है जो बलगम को बहार निकल देते है और सूजन कम करते है. हर रोज लहसुन, प्याज, हरी मिर्च और काली मिर्च का अवश्य सेवन करे. सवेरे पानी में निम्बू, अदरक और काली मिर्च उबाल के काढ़ा का सेवन करे.

तुलसी, पुदीना, खाने के पान (नगरवेल), लेमन ग्रास: हर रोज नियमित तुलसी, पुदीना, लेमन ग्रास का उपयोग करे ग्रीन टी बनाने के समय और बिना दूध इस का सेवन करे दिन में 3 बार.

काली मिर्च, पीपरामूल, यष्टिमधु: काली मिर्च, पीपरामूल, यष्टिमधु इन सभी चूर्ण को ले और शहद मिला के गोली बनाये और चूसते रहे.  

अमरुद के पत्ते: अमरुद के पत्ते से अस्थमा के लिए घरेलू नुस्खे बहुत फायदेमंद होते है. पत्ते का काढ़ा बनाये दूध और काली मिर्च के साथ और खाली पेट सेवन करे. 

हल्दी और दालचीनी: आधा चम्मच हल्दी और चौथाई भाग दालचीनी चूर्ण को शहद के साथ मिला के चाटें दिन में 2-3 बार.

लौंग: मुँह में एक लौंग रखे और चूसते रहे. 

आप को खुद को ध्यान रखना होता कि कौनसी ऐसी चीज़ है जो आप के लिए अस्थमा का कारण बनती है और ऐसे चीज़ो से बच के रहे और बचाव के लिए अस्थमा के लिए घरेलू नुस्खे का प्रयोग भी करते रहे .

अस्थमा के लिए घरेलू नुस्खे में योगासन और प्राणायाम अवश्य करे. खाने में परहेज रखे और सिर्फ सात्विक आहार ले. कोई भी ऊपर बताये अस्थमा के लिए घरेलू नुस्खे करे इस के पहले एक हफ्ते के लिए किसी भी आयुर्वेद संस्था में जा के पंचकर्मा जरूर करवाए तो और लाभ होगा. 

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